प्रदेश में नकल माफिया राज! स्कूल से लेकर कॉलेज तक गैंग सक्रिय - क्या इस बार जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर नकल पर अंकुश लगा पायेगी ।
Exam Cheating Gang in MP - copying mafia spread all over Madhya Pradesh

मध्यप्रदेश के छात्र-छात्राएँ कड़ी मेहनत और लगन से परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, ताकि अव्वल नतीजों से उनका अच्छा भविष्य तय हो सके. लेकिन बीते कुछ वर्षों में शिक्षा का क्षेत्र भी माफियाों की चपेट में आ चुका है. नकल रोकने के तमाम प्रयास माफियाओं के आगे बोने साबित हो रहे हैं. ग्वालियर जैसे महानगर में भी नकलचियों ने सबको चौंकाया और पिछले कुछ वर्षो में प्रदेश के चम्बल संभाग के मुरैना - भिंड जिले में स्नातक परीक्षाओं के दौरान प्रायवेट कॉलेजो में छात्र सामूहिक रूप से नकल करते पाए गए थे जिसने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं ।
क्या कलेक्टर महोदय इस बार नकल पर अंकुश लगा पायेगे ? : मध्य प्रदेश के ग्वालियर चम्बल क्षेत्र में नकल माफिया वर्षों से हावी हैं. यहाँ तो नकल माफियाओं द्वारा छात्रों को परीक्षाओं में पास कराने को लेकर ठेके लेने की भी प्रथा थी. यही वजह रही कि इस अंचल के भिंड और मुरैना नकल के लिए बदनाम रहे. यूपी और राजस्थान से कई छात्र पास होने की चाह में मुरैना - भिंड के कॉलेजों में दाखिला लेते है ।
कॉलेज से लेकर चिकित्सा क्षेत्र में नकलची: कॉलेज से लेकर चिकित्सा शिक्षा और विश्वविद्यालय तक की परीक्षा आज संदेह के घेरे में हैं. जिसकी बड़ी वजह सामूहिक नकल की सामने आती तस्वीरें हैं. माफिया ना सिर्फ छात्रों की नीव खराब कर रहे हैं, बल्कि उनका भविष्य अंधकार में धकेल रहे हैं. बोर्ड परीक्षाओं के दौरान भिंड में सामूहिक नकल की सीधी तस्वीरें सामने आयी थीं. इसके बाद मुरैना, भिंड और ग्वालियर में नर्सिंग परीक्षाओं में सामूहिक नकल के मामले तो मानों डरा देने वाले थे. क्योंकि भविष्य में यही नकलची छात्र लोगों का इलाज करेंगे या कहें जान से खिलवाड़ करेंगे. हालाँकि बड़ी बात यह है कि अब तक नकल मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नजर नहीं आयी है ।
प्रायवेट कॉलेज में नकल की तस्वीरों के बाद हड़कम्प: पिछले साल की बात करें तो प्रायवेेट कॉलेजो के सामूहिक नकल के कई वीडियो वायरल हुए, जिसमें परीक्षा हॉल में बैठे कई छात्र एक साथ अपनी अपनी टेबल पर गाइड और मोबाइल रख कर प्रश्नों के उत्तर लिख रहे थे. इस घटना को अंदर के किसी शख्स ने अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया. वीडियो वायरल होते ही प्रशासन में हड़कम्प मच गया. जिला प्रशासन ने इस वीडियो के आधार पर जाँच करायी, तो जीवाजी विश्वविद्यालय पेपर के दौरान ही परीक्षा केंद्र के हॉल में नकल की पुष्टि हुई. इस हाल में करीब 80 छात्र-छात्राएँ परीक्षा दे रहे थे ।
नकल माफिया चंद रुपयों के लिए कर रहे छात्रों के भविष्य से खिलवाड़: नकल माफिया की बढ़ती पैठ का ही नतीजा है कि ग्वालियर-चंबल अंचल सहित प्रदेश में हजारों की संख्या में फर्जी कॉलेज संचालित हो रहे हैं. आधे से ज्यादा कॉलेज तो ऐसे हैं, जिनकी न तो बिल्डिंग है और न ही कहीं कक्षाएं संचालित होती हैं. अंचल में देश के अलग-अलग राज्यों से छात्र कोर्स करने के लिए आते हैं और इन छात्रों से पास करने का ठेका लिया जाता है. अभी हाल में ही कॉलेज फर्जीवाड़े को लेकर हाईकोर्ट ने भी सख्त नाराजगी जाहिर की थी. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि, जब इस तरह नकल से पास हुए छात्र भविष्य में चाहे किसी भी क्षेत्र से हो या अन्य क्षेत्र. जहां भी जाएँगे, कितना सफल होंगे. नकल माफिया चंद रुपयों के लिए इन छात्रों के जीवन और करियर से खिलवाड़ करने में लगे हैं और कोई ठोस कार्रवाई ना होने से उनके हौंसले और भी बुलंद होते जा रहे हैं ।